कलम -1

मै कलम हूँ. तकदीर बदल देने वाला 
और मेरा साथ जो छोड़ा तो तस्वीर बदल देने वाला।

ना ढूंढो तो कुछ भी नहीं, ढूंढो तो मुझ में सागर है,
तू खुद जीवन में कुछ भी नहीं, तेरा जीवन मुझ पे निर्भर है।

पैसे का मूल्य न कुछ भी है मेरी कुछ इतनी कीमत है,
हाँ-हाँ तू खुद कुछ भी है नहीं, मेरे कारण तेरी इज्जत है।

मैं हूँ तो गम किस बात का है, लाता हूँ मै छूटा मौका 
और मेरा साथ जो छोड़ा तो जीवन भर पछताना होगा। 

ना मै गोली-बंदूक हूँ, और ना ही तलवार हूँ मैं,
लेकिन मुझे चलाना सीखो, बहुत बड़ा हथियार हूँ मैं।

 समझो मेरे महत्व को इतनी ताकत मैं रखता हूँ 
 चाहूँ में तो खाली-खाली, चाहूँ तो जीवन भर सकता हूँ। 


                                              - आदित्य कुमार

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