कलम-3
कविताओं में आज उतारा है,
ये बिन हिंसा का हथियार,
जीने का एक सहारा है,
देश अधूरा वेश अधूरा,
कलम करे इन सबको पूरा,
जो ना कलम को समझा,
वो व्यक्ति है इस धरती का कूड़ा,
चांद कलम से सूर्य कलम से,
ये पूरा संसार कलम से,
कलम है एक वरदान के जैसा,
महिमा अपरम्पार कलम के,
कलम ने ज्ञान दिया है सबको,
सबको इसने सम्मान दिया,
जिसने इसको फ़िज़ूल बताया,
वो जीवन भर अज्ञान रहा,
कलम को पकड़ो छोड़ो रायफल,
इससे बड़ा कौन हथियार,
पकड़ कलम को लेलो ज्ञान,
यही करे जीवन साकार।
- आदित्य कुमार
"बाल कवि"