मैं भारत का प्रहरी हूं
देश भक्त कहलाने खातिर,
कुछ भी मै कर जाऊंगा,
मेरे देश को खतरा हुआ किसी से,
मै परशुराम बन जाऊंगा।
मैं मुल्क को मा कहने वाला,
मां के खातिर मिट जाऊंगा,
मेरे मा का कंस हुआ कोई तो,
मै भी चक्र उठाऊंगा।
मेरे देश कि धरती के कण कण
पग पग को मै भी सिंचुंगा,
कोई रावण कु दृष्टि ना डाले,
ऐसी लक्ष्मण रेखा खींचुंगा,
मैं बन के देश का प्रहरी,
अपने देश पे मर मिट जाऊंगा,
जिस से आघात हो मेरी मां को,
मै उसका काल बन जाऊंगा।
दुश्मन से युद्ध में लड़ते वक्त,
ना मै मृत्यु को पाऊंगा,
मै भारत मा का शेर हूं,
दस को मार के जिंदा आऊंगा।
जिस दिन संकट में पड़ा राष्ट्र,
मै भी हथियार उठाऊंगा,
कोई जेनरल डायर आया,
तो मै उधम सिंह बन जाऊंगा।
गांधी सा यदि शत्रु रहा,
तो मै गांधी सा प्रेम निभाऊंगा,
पर जिस दिन वो अफजल खान बना,
मै भी शिवाजी बन जाऊंगा।
भूल ना जाना भारतवासी हूं मै,
राष्ट्र में अंधेरे ना होने दूंगा मै,
वॉकर तुम बने यदि तो,
लक्ष्मीबाई बनते देर ना होने दूंगा मै।
ये कुछ लोगो कि परिभाषा मै,
तुम्हे बताने आया हूं,
यदि तुम भारत के शत्रु हो तो,
तुम्हे चेताने आया हूं।
- आदित्य कुमार