कवि परिचय

शब्दों से मेरी दोस्ती,
शब्दों से मुझको प्यार है,
शब्दों से ही खेलता मै,
शब्द मेरे यार है।

प्रतिदिन शब्दों से कुछ तो,
नया बनाता हूं,
चंद शब्दो से मै पूरी कहानी,
तुम्हे बताता हूं।

प्रतिदिन अपने ही शब्दो,
से कुछ नया मै सीखता हूं,
मै कवि हूं साहब,
कविताएं लिखता हूं।

इधर उधर जोड़ जाड़,
कविताएं मेरी बनती है,
इंसान जब दुखी है करते,
शब्दों से मेरी जमती है।

मजेदार कविताओं से,
तुम्हे कभी हसाता हूं,
और कभी दुख भरे,
कविताओं से रुलाता हूं।

अंदर से नम्र हूं,
बाहर से शख्त दिखता हूं,
हा साहब कवि हूं मै,
कविताएं लिखता है।

                      - आदित्य कुमार

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