कोई लौट रहा है.......🤫

कोई फिर से लौट रहा है जी,
मन में फिर से भय जाग रहा,
ये दस्तक देता बार बार,
ना धरती छोड़ के भाग रहा।

लाखो की संख्या में बच्चे,
हो है रहे अनाथ यहां,
जिसको ये दुष्ट पकड़ता है,
उसका छूट रहा है साथ यहां,

वो दिन फिर से लौट रहे,
फिर घर में बंद सभी होंगे,
जो इसे मजाक में लेते है,
उनकी बुद्धि ठंड तभी होंगे,

वो फिर से लौट रहा है,
सब सावधान हो जाओ जी,
मास्क लगाओ मुंह पे अपने,
हाथ धो के हरदम खाओ जी।

तुमने समझा खतम हो गया,
पर ये तो विकराल बना,
जिनको लगता था खेल है ये,
उनके खातिर ये काल बना,

ये लौट रहा एक नए रूप में,
पहले से ज्यादा नाशक,
लक्षण देख के लगते है ये,
मृत्यु का भी है शासक।

पर है कौन मर्ज ऐसा,
जिसका हम ना उपचार करे,
कोशिश में लगा हुआ मानव,
कैसे कोरोना पे वार करे,

एक दवाई बनती तब तक ये
सैकड़ों रूप बदलता है,
एक इलाजरत है तब तक,
लाखों संक्रमित निकलता है।

हाथ मिलाना बंद करो फिर,
नमस्कार और करो सलाम,
सारे नियमों का पालन करना,
तभी बचेगा हिन्दुस्तान।

                       - आदित्य कुमार




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