कोशिश कर

कोशिश से ना ही डरना है,
तुम मानव हो ये याद रखो,
भय कोशिश से ना लगे कभी,
मन में बस ऐसी बात रखो।

राह में पत्थर आया तो,
उस पत्थर का राह ही मोड़ेंगे,
आकाश से लाखों बार गिरे,
फिर भी ना उड़ना छोड़ेंगे।

पग पग पे कोई बैठा है,
तुझको बढ़ने से रोकेगा,
बस सिंह सा तू चलता जा,
वो बस कुत्ते जैसा भौंकेगा।

मंजिल तेरी है राह तेरी,
पर कांटे कोई और बिछाता है,
इन कांटो से जो भी जीता,
वो ही मानव कहलाता है।

अर्जुन सा बनना है यदि तो,
लक्ष्य भी वैसा रखना होगा,
जीत का स्वाद है लेना तो,
थोड़ा हार भी तो चखना होगा।

वायु की गति है पानी तो,
पर्वत से लड़ना कब सीखोगे,
मानव कहलाना है यदि तो,
मेहनत कब करना सीखोगे।

                         - आदित्य कुमार

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