बाहर तो आ प्रयास तो कर
कायर सा तू डरता है क्यों,
छुप छुप के तू मरता है क्यों,
बाहर तो आ, प्रयास तो कर,
थोड़ी है कमी थोड़ा सा निखर,
मेहनत बस कर ना इससे डर,
तू है एक नर मेहनत बस कर,
ये दुनिया थोड़ा हसती है,
पर जीवन यहां ना सस्ती है,
दुनिया को छोड़ तू बाहर आ,
गर है हिम्मत तो कुछ कर के दिखा,
ना बन तोते और कबूतर सा,
तुझे बाज के जैसा बनना है,
थोड़ी उचाई उड़ के है खुश,
तुझे बादल से ऊंच निकलना है,
सरवर में तैर महान है तू?
सिंधु कि झलक पा के तो देख,
पानी है शांत तो तैर लिया,
लहरों के बीच जा के तो देख,
दुनिया कि ना सुन ये बस भटकाती है,
तेरे कोशिश से पहले तुझे डराती है,
जो अपने राह पे चलते है,
वही तो शेर निकलते है,
करता शिकार जब शेर है तो,
ना करता दुनिया कि परवाह,
है जानता वो दुनिया कि सुनी,
तो मर जाएगा एक दिन भूखा।
कायरता जिस जिस ने भी कि,
इतिहास भुलाता है उसको,
और वीर के भांति जो भी मरे,
इतिहास दिखाता है उसको,
है यही भूमि है यही गंगन,
इसके ही बीच तेरा जीवन,
बस मेहनत कर और छु अंबर,
बाहर तो आ प्रयास तो कर।
- आदित्य कुमार