एक रहो!!

ब्राह्मण भारत छोड़ो आखिर,
कैसे संभव हो सकता है,
पूजा तक ही ना ब्राह्मण है,
ब्राह्मण श्राद्ध भी करता है,

ब्राह्मण है लोभी और कमजोर,
ये कभी नहीं रखना मन में,
लाखों का वध करने वाले,
श्री परशुराम भी ब्राह्मण थे।

जिन ऋषियों के तप से,
ये धरती अब तक सुकुमार रही,
वो ऋषि भी ब्राह्मण ही थे,
कैसे भारत पे उनका अधिकार नहीं।

इतना गिर गए है इन्सान की,
हिन्दू भी अब एक नहीं,
रेखा से तो बिंदु बन गए,
वो बिंदु भी अब एक नहीं।

भारत अब तक गर्व किया है,
अपने एकता के कारण,
मत सिर झुकने दो मुल्क का,
ये कहके भारत छोड़ो ब्राह्मण।

हम एक है एक रहेंगे,
इस नारे को बढ़ने दो,
खुद भी सुख से रहलो प्यारो,
हमको भी सुख से रहने दो।

                                  - आदित्य कुमार

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