समय

जीते हो वर्तमान में तो,
क्यों चिंता भविष्य की करते हो,
जो होना है वो होगा ही,
क्यों सोच के उसको मरते हो।

अतीत में कि गई गलती को,
वर्तमान में गुरु बना लो तुम,
वो गलती ना दुहराना है,
इस गुरु से ज्ञान ये पालो तुम।

समय ना होता सोचने को,
बस बढ़ना इसके संग में है,
पीछे कि गलती भूलो तुम,
अब ढलना इसके रंग में है।

समय ही मृत्यु समय ही जीवन,
फिर क्यों समय से वैर करे,
छोड़ भविष्य की चिंता प्यारे,
चलो वर्तमान में सैर करे।

वर्तमान को सोचो केवल,
ये ही भविष्य बनाती है,
ना दोहराओ फिर वो गलती,
ये अतीत सीखलाती है।

जितना सोचोगे भविष्य को,
उतना वर्तमान दुर्बल होगा,
वर्तमान में चिंतित हो तो,
कैसे भविष्य उज्ज्वल होगा।

                              - आदित्य कुमार

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