महाबली बाली
काफी था बलवान वो वानर,
काफी उसमे शक्ति थी,
मिला वरदान स्वयं ब्रह्मा से,
सोचो कितनी उसमे भक्ति थी,
बाहों में रखकर रावण को,
उसका औकात दिखाया था,
आधी शक्ति आ जाएगी,
वरदान ब्रह्मा से पाया था,
जिसका बेटा लंका में जाके,
सबको ललकार दिया,
जिसका कोई पावं जगह से,
एक इंच ना हिला सका,
जब बेटा इतना महाबली तो,
पिता की ताकत पहचानो,
शक्ति का बड़ा खजाना वो,
आखिर उसकी शक्ति को जानो,
वो अंगद तो केवल,
उस बड़े वृक्ष का डाली था,
जब रावण उसके बेटे से हार गया,
वो महाबली तो फिर भी बाली था।
- आदित्य कुमार