सरदार पटेल

लौह पुरुष सरदार पटेल,
कोटि कोटि तुम्हे प्रणाम,
एक किया भारत मां को,
हम सब के तुम हो भगवान।

ना जाने कितने टुकड़ों में,
देश का किया विभाजन था,
एक किया इस देश को,
इसमें झोंका अपना जीवन था।

साम दाम दण्ड भेद,
सब का इस्तेमाल था,
कृष्णा की नीति पे चलता,
भारत मां का लाल था।

प्रेम से जो माने,
उनको प्रेम से मनाया था,
जिसने गुंडागर्दी की तो,
उसी भाषा में उन्हे सिखाया था।

आजाद भी कराया और,
जोड़ भी दिया,
अलग जिन्हें था रहना उनको,
भी मना लिया।

भारत कि दशा बदल जाती,
प्रधानमंत्री यदि तुम होते तो,
ना पीओके हाथो से जाता,
इस पद से ना यूं गुम होते तो।

जो होना था वो हो ही गया,
अब आगे ध्यान लगाएंगे,
तुम ने जो सोच के किया एक,
सपना साकार कराएंगे।

                         - आदित्य कुमार

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