हम संतान है हिंदुस्तान की

हम संतान है हिंदुस्तान की, ये भूल ना जाना तुम_2
हम संतान है हिंदुस्तान की हमसे ना टकराना तुम,

वीरों का इतिहास हमारा हम भी वीर सिपाही है,
वतन सिखाता प्रेम हमारा हम तो प्रेम के राही है,
लेकिन प्रेम को कमजोरी मान ना जाना तुम, 
हम संतान है हिंदुस्तान की हमसे ना टकराना तुम_2

ये है भूमि वही जहां राणा तलवार उठाते थे,
ये है भूमि वहीं जहां शत्रु का शीश गिराते थे,
बैरी कैसे थर-थर कांपे सुनके उनका नाम रे,
भूल ना जाना वो राणा थे अपने हिंदुस्तान के,

वोही राणा हल्दीघाटी मे कैसा खेल दिखाते थे,
बैरी सम्मुख आया घोड़े संग ही काट गिराते थे,
कितने ही मुगलों के आगे राणा भारी पड़ गए थे,
राणा युद्ध में स्वयं आए तो दुश्मन पिछे हट गए थे,

वीर शिवाजी को दुश्मन तो अपना काल बताते थे,
कोई ना जाने कहां से आते गायब कहां हो जाते थे,
शेर के जैसा जोश था उन मे हाथों में नख बाघ का,
वतन आजाद कराने खातिर उन मे जलता आग था,

अब महारानी लक्ष्मीबाई इनकी कथा सुनाता हूं,
भारत के नारी की तुमको वीरता दिखलाता हूं,
भारत मां के वीर पुत्री के आगे शीश झुकाता हूं,
कौन है लक्ष्मीबाई चलो तुमको अब समझाता हूं,

वो रानी जिसे देख के अंग्रेजो में खौफ हो जाता था,
देख के रानी का युद्ध कौशल कोई सम्मुख ना आता था,
छल से जिसका वध करने की मजबूरी बन आई थी,
जिनसे से डर के अंग्रेज़ों ने कूटनीति अपनाई थी,

ऐसा है इतिहास हमारा और भी कितने वीर हुए,
शत्रु के ढाल काटने खातिर कितने ही शमशीर हुए,
हमसे जो टकराना हो इतिहास हमारा पढ़ आना तुम,
हम संतान है हिंदुस्तान की हमसे ना टकराना तुम,

कितनो का हत्यारा डायर कैक्सटोन हॉल मे पड़ा हुआ,
एक उधम सिंह गया अकेला घर में घुस के मार आया,
इन वीरों की वीरगाथाएं भूल ना जाना तुम,
हम संतान है हिंदुस्तान की हमसे ना टकराना तुम,

प्रेम वहीं दिखलाते है हम जो इसके अधिकारी है,
जिनकी मनसा मे है खोट तो जंग उनसे जारी है,
यदि इरादा बुरा तुम्हारा तो ना कदम बढ़ाना तुम,
हम संतान है हिंदुस्तान की हमसे ना टकराना तुम_2
हम संतान है हिंदुस्तान की ये भूल ना जाना तुम।

                                                 - अदित्य कुमार
                                                    "बाल कवि"

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