लोगों का मिलना अच्छा लगता है
कितना अच्छा लगता है,
किसी शुभ अवसर पे एक होना,
मन देख के खुश हो जाता है,
आंगन में लोग अनेक होना,
नए नए लोगों से जब,
मिलने का मौका मिलता है,
रग रग हर्ष से भर जाता,
मन भी गुलाब सा खिलता है,
दिल कहता है कि काश,
सदा ये लोग यहां ही बस जाते,
या जिस अवसर पे जमा है सब,
काश ये दिन भी रोज़ आते,
इधर कोई है उधर कोई है,
आंगन लोगों से भरा हुआ,
कोई कुर्सी पे कोई बिस्तर पे,
और कोई है दिन भर खड़ा हुआ,
रौनक उस दिन आ जाती,
जिस दिन कोई घर सजता है,
सच मे जब किसी अवसर पे,
लोगो का मिलना अच्छा लगता है।।
- अदित्य कुमार
"बाल कवि"