भारत में गुरुओं का सम्मान खो रहा है
जिस भारत ने गुरुओं को इश्वर से पहले पूजा था,
गुरुओं के सम्मान के आगे ना कोई भी दूजा था,
एक आदेश गुरु का पाके अंगूठा दान हो जाता था,
ये भारत दुनिया को गुरुओं का सम्मान दर्शाता था,
भारत में उन गुरुओं का सम्मान खो रहा है,
जो गुरु थे इश्वर से पहले वो सम्मान आज कहां है,
आज उसी भारत में कुछ खुरपातों ने है जन्म लिया,
इन्होंने छात्र गुरु के सम्मान का आज है हनन किया,
इंदौर में एक प्राचार्य को जब आग लगाया जाता है,
ये दिल बिखर के रोता है सरे आम जलाया जाता है,
कहीं गुरु को पकड़ के बीच बाजार में मारा जाता है,
लेकिन सब खड़े मजे लेते आगे कोई ना आता है,
मैं छोटा सा कलमकार कलमों से साथ निभाऊंगा,
गुरु का क्या सम्मान है भारत में तुमको दिखलाऊंगा,
उन जैसे छात्रों का होना भारत पे एक दाग सा है,
उन लोगों का जन्म मात्र ही भारत का दुर्भाग्य सा है।।
ऐसे छात्र जहां भी देखो जो शिक्षक के दुश्मन है,
तुरंत मौत से मिलन करा दो व्यर्थ ही उसका जीवन है,
विनती है सरकार से ऐसे लोगों पे तुरंत कार्यवाई करे,
ऐसे लोगों को जितना जल्दी हो फांसी पे लटका दें।।
- आदित्य कुमार
"बाल कवि"