इलाहाबाद का विश्वविद्यालय

इलाहबाद के विश्वविद्यालय को
कैसे भूल सकेंगे हम,
जब तक रहे आकाश में सूरज
यादों मे इसे रखेंगे हम,

देश को गर्वित किया है इसने
देके काफी पद के हकदार,
प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और
ना जाने कितने सरकार,

भारत में चौथा स्थान है,
ये विश्वविद्यालय बहुत पुराना है,
भारत की एक नीव है,
ये शायद ही किसी से आज अनजाना है,

सब है इससे जाने पहचाने
आखिर देश की रीढ़ है ये,
न्याय प्रमुख देने वाला
भारत मां की जागीर है ये,

अब इतने महान विश्वविद्यालय को,
कागज पे लाना मुश्किल है,
क्या क्या है इसने देश को दिया,
ये बतलाना मुश्किल है,

कुछ एक नहीं इसने है दिया,
जो कागज पे उतार सकेंगे हम,
कम पड़ जाएगी धरती सारी यदि,
इसका इतिहास लिखेंगे हम,

ऐसे विश्वविद्यालयों को
आगे हमे बढ़ाना है,
यदि भारत को ऊंचाई देने वाला
जांबाज़ हमे कोई पाना है।।

                           - आदित्य कुमार
                               "बाल कवि"



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