वीर सपूतों को संदेश
भारत के संयम के चलते काफी मर्दन होते है,
किसी शहीद के अपने उसके खातिर फुट के रोते है,
आतंकवाद के चलते भारत कितने बेटों को खोता है,
बंदूक की गोली का उत्तर प्रेम से कभी ना होता है,
कितना धैर्य रखोगे वीरों समय नहीं अब चुप रहने का,
इन आतंकी दुष्टों को अहिंसा के खत से कुछ कहने का,
वक्त है अब हथियार उठाओ आगे बढ़ संहार करो,
रौद्र रूप संभू का लो और दुष्टों पे प्रहार करो,
इन आतंकवादियों के अब रक्त से तुम श्रृंगार करो,
यदि आंख उठा के देखे ये आगे बढ़ के संहार करो,
ज्यादा संयम कायरता की एक निशानी होती है,
एक बार उस मां को सोचो जो बेटे को खोती है,
उस बहन को बस महसूस करो जिसने अपना राखी खोया,
उस बाप को सोचो एक झलक जिसने अपना बेटा खोया,
और सोचो उन बच्चो को जो बाप बिना हो गए थे जी,
हो गए अनाथ जो बच्चे अपने पापा को खो गए थे जी,
इन लोगों के दुख को तुम महसूस करो सच्चे दिल से,
अब लो हथियार खोज के मारो छुपे हुए है जो बिल में,
तुम संतान हो भारत मां के दाग नहीं लगने देना,
भारत की भूमि पे उनको एक इंच भी ना बढ़ने देना,
हे भारत के वीर सपूतों भारत तुम्हे बचाना है,
हर एक जन्म का हर एक जीवन देश पे तुम्हे लुटाना है।।
- आदित्य कुमार
"बाल कवि"