गुरु किसे कहते है?

गुरु के कृपा दृष्टि से टिका जीवन तुम्हारा है,
ना जिसने माना गुरुवर को वो तो हर पल ही हारा है,
गुरु इश्वर बराबर है इसे ना भूलना प्यारे,
की इश्वर से भी पहले किसी गुरु ने तुम्हे संवारा है,

गुरु ही है तुम्हे जिसने सदा चलना सिखाया है,
क्या अच्छा है बुरा क्या है सदा तुमको बताया है,
की जिन कांटों से डरते थे जो तुम गुरुवर ने ही तुमको,
सदा अपने ही कंधों पे बिठा के पार लगाया है,

गुरु से जो बड़ा बनने की है चाहा जो जीवन में,
गुरु के उपकारों के लिए सम्मान ना मन में,
उसे ये जान लेना चाहिए गुरु आखिर किसे कहते,
गुरु तो तीन देवों का बड़ा अद्भुत सा संगम है।।

                                     - आदित्य कुमार
                                          "बाल कवि"

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