जी हां संसार में उनको ही पिता कहते है।

जो अपनी खुशियां बेचके हमारी खुशियां खरीद ले,
जो हमको दे खुशी सभी और खुद ही दुख सहे,
जी हां संसार में उनको ही पिता कहते है।।

जो लड़ ले काल से भी अपने बच्चों के लिए,
जो मौत से भी लड़ना जानता अपनों के लिए,
जो अपनो के लिए चिंताओं में रहते है,
जी हां संसार में उनको ही पिता कहते है।।

जो घर की बागडोर थाम लिए चलते है,
जो सदा प्यार खरीदने को निकलते है,
जी हां संसार में उनको ही पिता कहते हैं।।

पिता की अहमियत जो भूला वो बेटा नहीं है,
जिसने छोड़ा पिता को देखो वो खुद कहीं हैं,
पिता तो हर पल बच्चों की खुशी चाहते है,
जी हां संसार में उनको ही पिता कहते हैं।।

सारी खुशियों को त्याग देते है अपनो के लिए,
जो हर एक दुख को हम सभी के लिए सहते है,
जी हां संसार में उनको ही पिता कहते है।।

                                      - आदित्य कुमार
                                           (बाल कवि)


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