वो भारत चलो बनाते हैं।।

सदा से वीर सपूतों से ये धरती भी हर्षाती है,
स्वर्ग से भी लाखों गुणा सुंदर भारत मां की माटी है,
इस माटी का तिलक मात्र ही देव लोक का चंदन है,
इस माटी का गंध मात्र ही सौ जन्मों का जीवन है,

वीर सपूतों की ये धरती अमराई दिखलाती है,
अमर शहीदों के बलिदानी हिम्मत को दर्शाती है,
महाराणा प्रताप की ताकत जोश है वीर शिवाजी सा,
मान से हो सम्मान से हो या प्राण से भारत की रक्षा,

भारत मां का हर सपूत बस इसी सोच को लिए चला,
दुश्मन की बस एक नजर और रण भूमि में उतर गया,
सौगंध है माटी की जब जब बहलोल खान कोई आएगा,
हर भारत मां की सपूत मे महाराणा जग जाएगा,

जब जब कोई भी अफजल पीठ पीछे खंजर डालेगा,
तब तब लिए बाघनख़ कोई शिवा दुबारा आएगा,
अंग्रेज़ी तानाशाही आई तो भगत सिंह फिर आएगा,
हर दुश्मन के खातिर कोई आजाद काल बन जाएगा,

गांधी जी के प्रेम पाठ को कभी भुला ना पाएंगे,
कोई लाख मिटाना चाहेगा पर गांधी ना मिट पाएंगे,
और कभी भुला ना पाएंगे बलिदानी वीर सपूतों को,
हम सदा बसाएंगे हृदय में भारत मां के बेटों को।।

हर बच्ची मे वीरांगना लक्ष्मी बाई को लाते है,
जहां हर बच्चे मे हो आजाद वो भारत चलो बनाते है,
एक संग्राम चलो फिर लड़के वो भारत वापिस लाते है,
वो भारत चलो बनाते है, वो भारत चलो बनाते है।।

                                      - आदित्य कुमार
                                           (बाल कवि)
                                      






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