प्रेम रंग

रंग भी रंगे हुए रंगो से,
होली है वो पावन त्योहार सुनो,
दुश्मन भी दोस्त बन जाएंगे दोस्तों,
दुश्मनों को दोस्ती के रंग में बस रंगों,

हाथों में हो अबीर और गुलाल साथिया,
करदो चिकने गोरे गाल को भी लाल साथियों,
ना उम्र का पता ना खुशी का ठिकाना,
प्रेम और आदर भाव से बस रंग लगाना,

ये होली है पर्व ऐसा नाचो दिल खोल के,
अपना कौन है पराया सारे ये भूल के,
होली के रंग मे रंगो बड़े प्यार से,
सबको अपना बनाने का ये त्योहार है,

झूमो सब नाचो सब भूल के दुश्मनी,
दोस्त सबको बनाओ जब तक है जिंदगी,
होली है होली है आज गाते चलो,
दुश्मनों को भी प्रेम रंग लगाते चलो।।

*HAPPY HOLI*

                           - आदित्य कुमार
                                "बाल कवि"


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