संदेश शहीद का

एक शहीद की बातें

हो गया शहीद मिल गया हूं माटी मे,
मेरी आखिरी सांसे चली सरहद की घाटी पे,
गर्व से किया है मैंने मौत को स्वीकार,
देश के खातिर मरा इश्वर का है आभार,

संदेश देने आया हूं आंसू बहाने वालों को,
मां बाप को बहन को सारे जमाने वालों को,
मैं कहीं गया नहीं दिल में बसा सदा,
मेरी प्रेम ये धरती थी इस माटी पे मैं फिदा,

मां मेरी मत रो मैं मरने वाला नहीं हूं,
शहीद हो जाऊंगा डरने वाला नहीं हूं,
शीश कट के जब गिरा भारत की गोद में,
मुझे गर्व है मैं पैदा हुआ तेरी कोख से,

तेरे आंसुओं की कीमत चुका नहीं सकता,
तुम सब को छोड़ के कभी मैं जा नहीं सकता,
हर पल हर घड़ी तेरे हृदय में बसुंगा,
तेरे हृदय में रह के मां सदा जय हिन्द कहूंगा,

बापू मेरे क्यों शोक करते मेरे जाने का,
गर्व करो बेटे का ऐसा भाग्य पाने का,
सबको थोड़ी मिलता है किस्मत मेरे जैसा,
बेटे के शहीद हो जाने पे आंसू कहो कैसा,

ना मरा कभी हूं और ना मरूंगा कभी भी,
शीश गिरा दूंगा ना डरूंगा कभी भी,
जिन आंखों को मैंने खुशी में झूमता देखा,
उन आंखों में आसूं ना आने दूंगा कभी भी,

बहना मेरी बहना तेरे क्यों आंख भरे है,
सरहद पे तेरे भैया तो दुश्मन से लड़े है,
तेरा भाई तेरी राखी कभी ना दूर हो सके,
तेरे भैया तेरी राखी सदा साथ खड़े है,

जिस माटी की धड़कन में तेरा भाई समाया,
उस माटी की धड़कन से ये पुकार है आया,
जो वृक्ष है माटी के बेटे उनको भाई मानना,
उनको तिलक लगाना उनको राखी बांधना,

तेरी वो राखी बहना मेरे पास आएगी,
उस राखी की गीत बहन ये कलाई गाएगी,
मायूस ना होना बहन ये भाई कहता है,
इस माटी की धड़कनों में तेरा भाई रहता है,

इस हिंद के लिए मैं ये संदेश लाया हूं,
रहूं या ना रहूं मैं ये पैगाम लाया हूं,
फर्ज निभाया हूं अब तुम्हारी बारी है,
इस देश को बढ़ाना तुम्हारी जिम्मेदारी है।।

                                  - आदित्य कुमार
                                       "बाल कवि"




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