वीर शिवाजी
ये भारत मेरा भरा हुआ है वीरों की अमर कहानी से,
इस भारत में जन्मा हर बच्चा- बच्चा एक सेनानी है,
एक सेनानी की गाथा चलो सुनाते है तुमको,
छत्रपति एक शेर मराठा से मिलवाते है तुमको,
जीजाबाई का सपूत वो खुद मे बहुत निराला था,
इसी वीर से जिस दिन पर गया मुग़ल का पाला था,
चुन चुन के उन मुगलों को मृत्यु का सैर करा डाला था,
ये सपूत भारत मां का सच मे बड़ा निराला था,
हाथो मे थे बाघनख़ और दिल में शेर सा जोश भरा,
केवल ये घूर के देखे जिसको वो शत्रु बेहोश पड़ा,
शान था वो पहचान था वो भारत भूमि का अभिमान था वो,
जिसपे गर्व करे मराठा उस भूमि का नाम था वो,
चीर दिया शत्रु का वदन जिसने भी आंख उठाया था,
वो वीर शिवाजी भारत को अब नया बनाने आया था,
जब हरा हो गया भारत था उन मुगलों के अत्याचारों से,
तब आसमान मे केसरिया लहराया फिर से भारत में,
स्वराज्य का सपना पिता का था साकार किया उस बेटे ने,
मुगलों के आगे झुकने से इंकार किया उस बेटे ने,
कृष्णा की नीति पे चलता जीता हर एक बाजी था,
धरती मां का गौरव था वो मराठा वीर शिवाजी था।।
- आदित्य कुमार
"बाल कवि"