गए जो छोड़ गए यादों को (गीत)

रंग के तिरंगा लहू से यादों में हो गए वो,
धरा को लहू से रंगा बादलों में खो गए वो,
उनकी आज मिलके जय कहो,
गए जो, छोड़ गए यादों को,
एक साथ बोलो साथियों,
उनकी आज मिलके जय कहो।

जिनके लहू ने ऐसा इतिहास रच डाला,
देके कुर्बानी को जिसने देश काल को टाला,
लिखा है वो इतिहास जो,
मिटा ना सके कोई ओ वीरों,
गए जो, छोड़ गए यादों को,
उनकी आज मिलके जय कहो।

उनकी वीरगाथा सम्मुख अंबर भी बौना है,
देश पे मिटे जो उनका मौत ही खिलौना है,
मौत से है खेला करते जो,
मर के भी कभी ना मरते जो,
गए जो, छोड़ गए यादों को,
उनकी आज मिलके जय कहो।

                  - आदित्य कुमार
                       "बाल कवि"


Popular Posts