हे शकुनि सफल हो गए तुम
है नाश हो गया कौरव कुल,
अब कुछ ना बचा है गौरव तुल,
सब कुछ नाश किया तुमने,
हे शकुनि सफल हो गए तुम,
बहना की गोदी सूनी कर,
खुद नींद मौत की सो गए तुम,
हृदय की तृष्णा मिटा लिया,
हे शकुनि सफल हो गए तुम,
बदले का शपथ लिया तुमने,
उस अंधकार में खो गए तुम,
खुद बहन कि वंश को दिया उजाड़ा,
हे शकुनि सफल हो गए तुम,
दुर्गुण भांजो मे भर डाला,
मामा बन काल थे आए तुम,
पासा फेंका सर्वनाश का,
हे शकुनि सफल हो गए तुम,
मामा का नाम कलंकित कर,
इस दुनिया से विदा हो गए तुम,
हो तुम्हे मुबारक जश्न जीत का,
हे शकुनि सफल हो गए तुम।
- आदित्य कुमार
"बाल कवि"