कोयल रानी कोयल रानी

कोयल रानी कोयल रानी,
कितना मधुर हो गाती तुम,
डाल डाल शाखा पे बैठी,
सबका मन हर्षाती तुम,

मधुर बोल है कोयल रानी,
शहद भी फीका पड़ जाए,
कोई राही सुनके तुमको,
राह में वही ठहर जाए,

तुम जो भोर में बैठी पेड़ पे,
कुकु करके गाती हो,
बाग बगीचे वन उपवन,
सब को मधुर बनाती हो,

पत्ते फल और फूल ओ कोयल,
सुनके तुम्हे है खिल जाते,
प्यारी बोली सुनके तुम्हारी,
हमें सुकून है मिल जाते,

इश्वर से ये वर ओ कोयल,
ऐसे ही पाते रहना,
कोयल रानी कोयल रानी,
ऐसे ही गाते रहना।

         - आदित्य कुमार
              (बाल कवि)

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