मेरा तिरंगा

तीन रंग का झंडा मेरा,
प्राणों से मूल्य चुकाएंगे,
कोई रोक नहीं सकता हमको,
हर जगह तिरंगा लहराएंगे।

इस झंडा के हर एक रंग में भारत मेरा बसता है,
झंडे के कीमत के आगे प्राण भी लगता सस्ता है,
इसीलिए इस विश्व को ये पैगाम सुनाए देता हूं,
जिनको नहीं पसंद तिरंगा उन्हे बताए देता हूं,

खून बहा जब शीश गिरा तब झंडे का निर्माण हुआ,
इसी तिरंगे के खातिर हर कोहिनूर कुर्बान हुआ,
यही तिरंगा दर्शाता है भारत की आजादी को,
यही तिरंगा दर्शाता है दुश्मन की बर्बादी को,

यही तिरंगा है जिसके रक्षक की गणना हो ना सके,
रक्षक इसके मिट के भी पहचान को अपने खो ना सके,
लाल बाल और पाल के आंखों का ये तिरंगा तारा है,
भगत राजगुरु और सुखदेव को प्राणों से झंडा प्यारा है,

गांधी जी और नेहरू जी के उच्च विचार को दर्शाता,
जरूरत पड़ने पे ये झंडा खूनी तलवार को दर्शाता,
और ये झंडा दर्शाता है भारत मां के भूमि को,
और ये झंडा दर्शाता है निर्दोषों की सूली को,

इसीलिए हम झंडे की अपमान नहीं सह सकते है,
तुम झंडे की करो बुड़ाई हम कुछ ना कह सकते है?
सुन लो कान खोल के है झंडे से यदि जो प्यार नहीं,
मृत्यु को ही चुन लो जीने का तुमको अधिकार नहीं,

इतना धीरज नहीं हमें की तुमको हम बर्दाश्त करें,
तुम सरेआम जलाओ झंडा और हम एकदम मस्त रहे!

                         - आदित्य कुमार
                              (बाल कवि)



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