भारत के वे वीर बहादुर
भारत के वे वीर बहादुर
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बम और बारूद के धुएं में,
जो खड़े मौत के कुंए में,
उनको भी जड़ा सलाम करें,
भारत के वे वीर बहादुर,
उनको भी प्रणाम करें।
उनको स्वर्ग की क्या इच्छा,
जो स्वयं स्वर्ग के रक्षक है,
इस देश का काल वो हर लेते,
जो स्वयं काल के भक्षक है,
हथियारों से श्रृंगार किए,
जो मृत्यु से ही प्यार किए,
उनको भी जड़ा सलाम करें,
भारत के वे वीर बहादुर,
उनको भी प्रणाम करें।
बूढ़ी मां और पिता है घर में,
बेटा निकला गांव-शहर से,
आलय बना लिया सरहद को,
क्यों ना अंबर से ऊंचा कद हो,
जो अपना हर एक सुख समझे,
भारत माता के सरहद पे,
उनको भी जड़ा सलाम करें,
भारत के वे वीर बहादुर,
उनको भी प्रणाम करें।
- आदित्य कुमार
(बाल कवि)