उसने हमे मानव बनाया।
ना हिन्दू बुरा है ना कोई मुसलमान बुरा है,
जो बुरा है वो तो बस कोई इन्सान बुरा है,
ये हिंद है सभी का हम सब है इसके बेटे,
जाति धरम पे लड़ के खुद को ही क्यों लपेटे,
मिलके यदि रहेंगे हम साथ साथ में जो,
एक दूजे के लिए हम बढ़ाए हाथ ये जो,
मतभेद सब मिटेगा अपनों के ना हो दुश्मन,
ये देश है सभी का इसमें है सबका जीवन,
जो है तुम्हे लड़ाते जाति धरम के ऊपर,
दंगा है जो कराते जाति धरम के ऊपर,
उनको भी ये दिखा दो हम एक साथ में है,
हमको पता है हम तो बस एक नाथ के है,
उसके ही नाम पे तो आपस में हम है लड़ते,
बोलो रहीम या राम है कहां ये कहते-
"लड़ जाओ मेरे खातिर तब भक्त मेरे होगे,
आपस का खून पीकर बंदे मेरे रहोगे।"
ना कहता है रामायण ना कहता है कुरान,
बन जाओ दुश्मन आपस के ओ मेरे इन्सान,
वो एक है उसी ने तुम्हे है बनाया,
पर भेद भाव उसको भी समझ ना आया,
ये सब तुम्हारी माया है तुम्हारी माया,
वरना उसने तो हमे है बस मानव बनाया।
- आदित्य कुमार
(बाल कवि)