जय हो हिंद महान
उस देश को मेरा प्रणाम,
उसकी करते गुनगान,
जहां के बेटे अमर हो जाते,
दे करके बलिदान,
जय हो हिंद महान।।
जहां के बेटे मौत से खेले,
हर पल सुबहों-शाम,
स्वर्ग से सुंदर देश हमरा,
जिसमे चारों धाम,
जय हो हिंद महान।।
जहां धर्म हो अलग मगर,
मानवता हो पहचान,
पूरे विश्व में एक अकेला,
ये है हिंदुस्तान,
जय हो हिंद महान।।
जहां पे मां-बहनों ने भी,
दे दिया राष्ट्र पे जान,
जहां की नारी ने बन दुर्गा,
उठा लिया कृपाण,
जय हो हिंद महान।।
जहां पे वीर सपूतो के,
अनंत कोटि गुणगान,
जिनकी व्याख्या में,
थक जाते स्वयं सभी भगवान,
जय हो हिंद महान।।
- आदित्य कुमार
(बाल कवि)