ये उन वीरों की माटी है

सूरज चंदा और ये अंबर,
इस ब्रह्मांड का हर एक कण कण,
उनकी यादें गाता जाए,
जो शहीद हो देश प्रति पर इतिहास में ना आ पाए।

जो अपने मानव जीवन को,
हृदय-मस्तक और तन-मन को,
पूज्य धरा को कर गए भेंट,
उनको यादों मे रखना ओ सूरज चंदा लिए सहेज।

उनको नहीं लालसा थी,
इतिहास के पन्ने पाने की,
उनको तो बस ये इच्छा थी,
मिटने की और मिटाने की,

उनकी हुंकार भरी वाणी,
सदियों तक गूंज मचाती है,
हम अपना बस कहते है जिसे,
वो उन वीरों की माटी है।

        - आदित्य कुमार
             (बाल कवि)



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