वक्त पलट दिखलाएंगे
ये वक्त पलट दिखलाएंगे (कविता)
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आंखों में सपने सजा लिए,
मंजिल को पाने निकल पड़े,
मन का विश्वास साथ में था,
जलवा दिखलाने निकल पड़े,
औकात पूछने वालों को,
औकात हमें दिखलाना है,
उनकी गर्दन अकड़ कर टूट जाए,
वैसा ऊंचाई पाना है!
जो वक्त का धौंस दिखाते है,
उन्हे वक्त पलट दिखलाएंगे,
है किसके साथ ये वक्त खड़ा,
ये वक्त पे ही बतलाएंगे!
- आदित्य कुमार
(बाल कवि)
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