हम क्यों रहे गुलाम!
आजादी के संग्राम के लिए लोगों को प्रेरित करते अमर क्रांतिकारियों के बोल:-
मेरा माटी मेरी धरती मेरा आसमान,
नदियां मेरी, पर्वत मेरा, मेरा हिंदुस्तान,
तो फिर अंतर्मन से पूछो हम क्यों रहे गुलाम।
स्वर्ग हमारा हिन्द देश है,
तो फिर क्यों आपस में द्वेष है,
यदि चाहते हो अब भी की दुश्मन हो नाकाम,
एक साथ अब कदम बढ़ाओ हम क्यों रहे गुलाम-4
बाहर के दुश्मन आकार के डाल दिए है डेरा,
अब तक हम क्यों चुप बैठे है क्यों ना उन्हे खदेड़ा,
यदि ना अब भी जगे साथियों व्यर्थ हमारा प्राण,
चलो उठो और क्रांति लाओ हम क्यों रहे गुलाम-4
मिट्टी अब कब तक रोएगी,
कब तक मां बेटे खोएगी,
मौत सा जीवन जीने से बेहतर, होंगे कुर्बान,
धरती को आजाद करेंगे हम क्यों रहे गुलाम-4
बहुत सहा जंजीर मे जीवन अब बन जाए हथौड़ा,
बहुत नचाया उन्होंने हमको बना बेजान खिलौना,
अब तोड़ो इन जंजीरों को देकर के बलिदान,
चलो बढ़ाओ कदम साथियों हम क्यों रहे गुलाम।
हम है शेर स्वाधीन रहेंगे,
अब ना हम परतंत्र सहेंगे,
चाहे अब जरूरत हो तो लड़ जाए खूनी संग्राम,
हम क्यों रहे गुलाम-4
- आदित्य कुमार
(बाल कवि)