मित्र का मोल

सबसे धनी वही श्रृष्टि मे मित्र मिले जिसको अनमोल,
हीरा मोती सोना चांदी से भी जा ना सके वो तौल।

परिस्थिति हो सरल तभी तक दुनिया साथ निभाती है,
जो कठिनाई मे बने सहारा सच्चा वो ही साथी है,

सच्चे दिल से साथ निभाए, गिरे अगर तो हाथ बढ़ाए,
सच्चा वो जो दोस्त के खातिर कांटो मे भी राह बनाए,

गलत को सही बनाने वाला दोस्त को ना भटकाने वाला,
उचित राह दिखलाने वाला गिरे अगर तो उठाने वाला,

सच्चा मित्र यदि मिलता है जीवन सरल बनाता है,
जूठा बस भरमाता है पर सच्चा राह दिखाता है,

सच्चे मित्र का मोल ना कोई ना इसके कोई बराबर,
हर प्राणी है धन्य कहाता सच्चे मित्र को पाकर!

                      - आदित्य कुमार
                           (बाल कवि)
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