तेरी ये दोस्ती है कमाल
हर पल बस हमें दिखाने को,
हमसे ही फायदा पाने को,
मीठी मीठी बातों के बल,
बस काम रहे अपना निकाल,
तेरी ये दोस्ती है कमाल !
तू दोस्त मेरा है बेमिसाल।
पिछे करते मेरी बुराई,
सम्मुख मे बनते रस मलाई,
बस दोस्त दोस्त कहते हो तुम,
और पीछे बना रहे हो जाल,
तेरी ये दोस्ती है कमाल !
तू दोस्त मेरा है बेमिसाल।
जैसी स्थिति देखते हो,
वैसे तुम रंग बदलते हो,
संकट मे जब देखे मुझको,
तो भागते हो खुद को संभाल,
तेरी ये दोस्ती है कमाल !
तू दोस्त मेरा है बेमिसाल।
हमको ही लूट निखर जाते,
हम अपना मान बिखड़ जाते,
आस्तीन का सांप क्यों बनते हो?
उत्तर है मांगता ये सवाल,
तेरी ये दोस्ती है कमाल !
तू दोस्त मेरा है बेमिसाल।
- आदित्य कुमार
(बाल कवि)