असली दुश्मन कौन?
हम बुद्धिमानों के दादा कितने ज्ञानी है देखो,
किसको दुश्मन मान रहे है किसको जानी, ये देखो,
जिन अंग्रेजी चूहों ने भारत का नक्शा कुतर दिया,
आज उन्हीं अंग्रेजों को है हमने अपना जिगर दिया,
जो है अपने खंड हमारे उनको दुश्मन मान लिए,
पर जो असली दुश्मन है उनको हम न पहचान सके।
जिनके कारण वीर हमारे फांसी का फंदा चूमे,
जिनके कारण गांधी बापू धोती में घर घर घूमे,
उनको रिश्तेदार बनाकर हम है रिश्ता निभा रहे,
जिसने हमको लूटा है उनको हम यार है बना रहे।
दिल से दिल हम मिला रहे है धूर्त फिरंग के वंशज से,
जिनके पुरखों के चलते था देश हमारा संकट में।
जिनके चलते भारत मां ने पुत्र रक्त स्नान किया,
कैसे हमने उनकी औलादों को अपना मान लिया।
- आदित्य कुमार
(बाल कवि)