फ्री फायर में जिंदगी

पहले नोकिया में सांप वाला गेम खेलते थे,
उसमे ही कितना आनंद था क्या ही कहे!
जबसे ये स्मार्ट फोन आया,
नए, पर शायद स्वयं का अस्तित्व भुलाने पर मजबूर कर दें,
ऐसा गेम लाया।

उन्हीं गेमों में से एक है फ्री फायर,
जिसने कर दिया है बच्चों में एक अनजाना व्यवहार हायर!
ना खाना पसंद है ना पीना,
बस मकसद है फ्री फायर के लिए जीना,
अकारण ही बढ़ता गुस्सा,
चिढ़चिढ़ापन काफी अधिक है दिख रहा।

इस गेम का पड़ रहा है ऐसा प्रभाव क्या कहे!
हारने पर बच्चे अपने गुस्से के आगे सबकुछ भूल रहे।

आप सबसे भी करता हूं इतना अनुरोध,
जब दिखे फ्री फायर खेलता कोई बालक अबोध,
तुरंत उसको रोकिए,
इस गेम के लिए टोकिए,

वरना यह गेम एक ऐसा शिकारी है,
इसका लगता कुछ ऐसा बीमारी है,
बच्चे सब कुछ भूल जाते है,
कैरियर से लेकर जिंदगी कुछ नही पहचान पाते है।

इस गेम से कई अपराधी जन्म लेते है,
बंदूक और धमाकों के साथी जन्म लेते है,
खासकर युवा इस गेम से बचिए,
खुदा की दी जिंदगी को खुद रचिए।

आज जिन युवाओं को देश के नाम रैंक लाना चाहिए,
वो आज फ्री फायर में जाने क्या डायमंड और रैंक ला रहे।

यह गेम एक नशा है बचिए इससे,
अपने अमूल्य जिंदगी को मत झोंकिए इसमें।

                   – आदित्य कुमार
                         (बाल कवि)


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