मौन रहेंगे पांडव

मौन रहेंगे पांडव (कोलकाता केस)
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क्या हुआ ये शोर कैसा?
लग रहा है कुछ हुआ है ऐसा....
फिर से कोई बेटी शिकार हो गई न?
फिर किसी दरिंदे का आहार हो गई न?

फिर किसी बगिया का खिला फूल मुरझा गया
"मुझे कोई नही रोक सकता" फिर कोई अपराधी ये समझा गया,
फिर से कानून की धज्जियां उड़ाई गई,
फिर कोई बेटी राजनीति का एक मुद्दा बनाई गई।

केंद्र सरकार राज्य सरकार पे आरोप लगाएगी,
और राज्य सरकार केंद्र को कटघरे में लाएगी,
दिन, सप्ताह और ज्यादा से ज्यादा महीना भर
उसके बाद औरों की तरह ये कहानी भी जाएगी गुजर।

आरोपी पकड़ा जरूर जाएगा,
पर जमानत लेकर फिर बाहर आएगा।

फिर से करेगा वो अपराध का तांडव,
फिर द्रौपदी को हाथ लगाएगा दुशासन,
पर मौन रहेंगे पांडव।

                      – आदित्य कुमार
                            (बाल कवि)

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