हिन्दी सारा भारत है
हिंदी केवल लिपिवाला नही मामूली भाषा है,
भारत की आवाज है ये और ये जन जन की आशा है,
वो भाषा है नही ये हिंदी जो जोड़े केवल दिमाग,
ये हिंदी प्यारी भाषा जोड़े लोगों के दिल के भाव,
ये वो भाषा है जिसमे सम्मान, प्रेम और आदर है,
सब खातिर स्थान है इसमें शब्दों का महासागर है।
भारत की सीमा पर शत्रु को ललकार रही हिंदी,
आओ देश के हे रखवाले तुम्हे पुकार रही हिंदी,
राणा की हुंकार है हिंदी, वीर शिवाजी की रफ्तार,
पन्ना का बलिदान है हिंदी, रानी झांसी की तलवार,
वीर भगत सिंह की बोली है, राजगुरु–सुखदेव के भाष,
हिंदी शांति वाले बापू, हिंदी क्रांतिकारी सुभाष,
अंग्रेजी ने दिया गुलामी, हिंदी अपनी आजादी,
खाकीवाला भी हिंदी है, हिंदी संसद की खादी,
जिसका मान न कम हो पाए, हिंदी उच्च इमारत है,
हम हिंदी है तुम हिंदी हो, हिंदी सारा भारत है।
– आदित्य कुमार
(बाल कवि)