गांधी पे आरोप

आजादी की हवा चली पर बंटवारे का झोंक लगा,
जिन्ना की सारी गलती थी, गांधी पे आरोप लगा।। 

आज की जो ये नई पीढ़ी कायर को नायक मान रही,
इन मूर्खों को शायद है इतिहास का कोई ज्ञान नहीं

पर एक बार नए लय में इतिहास चलो दोहराते है,
किसका हाथ है बंटवारे में चलो तुम्हे बतलाते है..

अंग्रेजों ने हार मान ली थी जब देश के वीरों से,
तब भारत आजाद हुआ, शुरुआत था करना जीरो से,

एक सभा आयोजित हुई सरकार बनाने के मत में,
पर जिन्ना को ये न था स्वीकार किसी भी कीमत पे,

जिन्ना ने फिर मांग रख दिया “अपना देश बनाऊंगा”
गांधी बोले देश बंटा तो खुदकी लाश गिराऊंगा,

फिर जिन्ना ने रुख अपनाया भारत की बर्बादी का,
शुरू हुआ दंगा भीषण, खात्मा हुआ आबादी का,

गांधी जी ने नजर घुमाया खून से लथपथ भारत पे,
कत्लेआम को रोक है सकते अब केवल बंटवारे से,

सत्ता के लालच में जिन्ना कत्लेआम पे अड़ा रहा,
तब मजबूरन बंटवारे को करना था स्वीकार पड़ा,

तुमने गांधी को दोषी ठहराया इस बंटवारे का,
मूर्खों समझो! इस सबका असली दोषी वो जिन्ना था,

और तुम्हारे उस हीरो से असली दोषी मरा नहीं,
दोषी था ताकतवर तो निर्बल निर्दोष ही मरा सही

एक बार उस असमंजस में खुद रखकर देखो तुम,
और बताओ क्या कर सकते थे कमेंट में लिखो तुम।

                          – आदित्य कुमार 
                               (बाल कवि)

Popular Posts