ईमानदारी की सजा

यहां आपके ही पैसों का हिसाब मांगना मना है,
यहां एक ईमानदार पत्रकार का सवाल करना गुनाह है,

आपके ही पैसों से ऐश करने वाले बहुत है,
पर उनसे सवाल करने की सजा मौत है,

ऐसी ही गलती कर गया एक ईमानदार पत्रकार,
उसने सवाल उठा दिया कि कैसे काम करती है सरकार,

शायद किसी को नहीं आई उसकी ईमानदारी रास,
तभी तो उस बेचारे का सेप्टिक टैंक में मिला लाश,

उसने उसे मार दिया जिसकी औकात नहीं है मेहनत का खाने की,
जिसकी औकात नहीं है अपने दम पर कमाने की,

जिसे औरों के पैसों पे पलने की बीमारी है,
जिसने कर दिया इस देश से गद्दारी है,

कोई था जो पर्दाफाश करना चाहता था उसकी चोरी का,
कोई पता लगा रहा था उसकी हरामखोरी का,

कोई शायद पकड़ रहा था उसकी गद्दारी को,
तभी तो सजा मिली मुकेश चंद्राकर की ईमानदारी को।

                     – आदित्य कुमार 
                           (बाल कवि)


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