math के एग्जाम से 😂
डर नहीं लगता है मुझको
मौत या तूफान से
पर सहम जाता हृदय है
मैथ के एग्जाम से
इस भयानक चीज का
जिसने किया निर्माण है
मेरी नजरों में
वो मानव है नहीं, शैतान है
साल भर फॉर्मूला रटना,
दिन में पढ़ना रात पढ़ना,
फिर भी ये इतने कठिन है,
जैसे हिम पर्वत पे चढ़ना
मैं सदा अटका हूं रहता
एक्स वाई के मान में,
परिमेय अपरिमेय ने
खा लिया मेरा जान है
और फिर तामस है चढ़ता
मेरा उस इंसान पे
जो मुझे आकर है कहता
मैथ तो आसान है
मोटे मोटे लाठी डंडों से
गुरु ने लाख पीटा,
पर समझ न मैं सका कभी
साइन ठीटा कॉस ठीटा
न जहन में मेरे उतरा
वो बहुपद, वो बहुलक
ज्यामिति त्रिकोणमिति
मैं समझ न पाया अबतक
क्या है ये घन मूल बोलो
क्या है ये आयतन बताओ
क्या है गोला, अर्धगोला
क्या है ये बेलन बताओ
कहता हूं एक बार फिर मैं
सच्चे दिल, ईमान से
डर नहीं मुझको है लगता
मौत या तूफान से
पर सहम जाता हृदय है
मैथ के एग्जाम से।।
– आदित्य कुमार
(बाल कवि)