मैं कृष्णा हूं
मैं खुद में मथुरा काशी हूं
मैं तीन काल अविनाशी हूं
मैं ही वैकुंठ का विष्णु हूं
मैं परमब्रह्म कैलाशी हूं
मैं ही अथाह नभ का विहंग
मैं ही पाताल का वासी हूं
मैं ही आरम्भ का जीशणा हूं
मैं ही विनाश का तृष्णा हूं
मैं कृष्णा हूं मैं कृष्णा हूं
– आदित्य कुमार
(बाल कवि)