प्रकृति का तांडव
पेड़ कटे, जंगल जल गए
सब कुछ हो गया राख
घर के नाम पर बेजुबान के पास बचा क्या खाक?
जेसीबी बुलडोजर भेजा
वन उपवन को दिया उजाड़
नेताजी एक पेड़ लगाकर
कर गए पर्यावरण सुधार
बंदर हाथी मोर की चीखों से
तेरा दिल न पिघला
ईश्वर की रचना है तू
पर भीतर है शैतान बसा
हरियाली को कर छिन्न भिन्न
तूने विकास का नाम दिया
ना जाने कितने पशुओं का
तेरे विकास ने घर छीना
तेरा करना ये सर्वनाश
तू कहता है इसको विकास
चिंता मत कर ये ही विकास
जल्दी ही प्रकृति लाएगी
तू त्राहि माम की भीख मांगेगा
वो तांडव दिखलाएगी
तू चीखेगा चिल्लाएगा
जब वो तबाही मचाएगी
– आदित्य कुमार
(बाल कवि)
#hyderabad #saveanimals #savetrees
@Rahul_Gandhi @Narendra_Modi