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ए हिन्द मैं फिर से आऊंगा।

कैप्टन मनोज पाण्डेय

सनातन- आरंभ और अंजाम

कवि की मांग

शांति या क्रान्ति

मन की चाह

बदली सबकी नीति

उसी हिंदुस्तान खातिर

ॐ शांति (ओडिशा रेल दुर्घटना)

ये उन वीरों की माटी है

योद्धा या गीदड़?

जय हो हिंद महान

उसने हमे मानव बनाया।

नोट गुलाबी

मानव- तार वृक्ष

भारत के वे वीर बहादुर

बचो क्रोध से

मानव नहीं मानव रहा

जी हां मैं कविता हूं।

गुटकाछाप

हर प्राणी का भूतल है

चोरों की महिमा (हास्य कविता)

मेरा तिरंगा

धरती के बेटे

*हे कर्म धर्म के सारथी*

ऑटॉकरेक्ट

इसीलिए भारत को स्वर्ग बताते हैं।

*मैं भी एक मजदूर हूं*

*कौन अशोका आएगा?*

राणा का चेतक

अभिमान का स्थान

मत बिकने दो हिंदी को।

भगवान परशुराम

वीर शिवाजी_ इस सदी का सपूत

चलो चले (प्रेरक गीत)

नाता धरती से

ए धरती मेरी (देशभक्ति गाना)

उन पशुओं को आजाद करो।

हे शकुनि सफल हो गए तुम

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर

हठ- एक सर्वनाश

गए जो छोड़ गए यादों को (गीत)

पांव को अब तुम रुकने ना दो।

गरीबी इसे ही कहते है।

कोयल रानी कोयल रानी

ये धरती है उन वीरों की

मस्तक से थाल सजाऊंगा।

ये है मेरी भारत भूमि (कविता) - ye hai meri bharat bhumi (poem)

गुमनाम जो हो गए धरती से...

क़लम लिखो उन वीरों को अब

वीर शिवाजी

मैं पैसा हूं (कविता) ।। mai paisa hu (poem)

मराठा सिंह शिवाजी

वो भारत चलो बनाते हैं।।

भारत है वो फूल

संकल्प- धरती बचाने का

जीत का जश्न। jeet ka jashn

घर की यादें भूल गए। ghar ki yaadein bhul gye

कलम उठाओ क्रांति लाओ

संस्कृत और संस्कृति

हां वो भगत सिंह था।।

जी हां संसार में उनको ही पिता कहते है।

गुरु किसे कहते है?

तिरंगा का सम्मान

भारत है बहुरंगी साड़ी

प्रकृति से बातें

संदेश शहीद का

प्रेम रंग

लौट पाओगे ना फिर दुबारा यहां

इसलिए मुर्दों सा हम बेजान पड़े।

जी हां मैं बिहार हूं।

राही तुमको तन जाना है।